Shree Kashtbhanjan Dev Aarti Lyrics : Shree Kashtbhanjan Dev गुजरात के भावनगर के बोटाद गांव में स्थित Shree Kashtbhanjan Dev का भव्य मंदिर है और श्री कष्टभंजनदेव हनुमानजी के रूप में स्वमं स्थित है और सबसे बड़ी खास बात “શ્રી કષ્ટભંજન દેવ સત્ય છે.” इसका मतलब वह भगवन हनुमान जी है और वहां जाकर उनके इस रूप का दर्शन करना आपके सभी दुखो को हर लेते है और अगर आप Shree Kashtbhanjan Dev Aarti रोज करते है तो आपको मन चाहे परिणाम मिलेगा और आपको आरती स्पष्ट रूप से पढ़ना चाहिए इसलिए आप लोगो के साथ हमने Shree Kashtbhanjan Dev Aarti Lyrics साझा की है जिससे आप आसानी से શ્રી કષ્ટભંજન દેવ की आरती गा सकते है |
Shree Kashtbhanjan Dev Aarti Lyrics

में आपको एक चीज़ बताना चाहूंगा और ये बात ज्यादा जरुरी है जब भी आप Shree Kashtbhanjan Dev की आरती गाये पूर्ण विश्वास और श्रद्धा के साथ गाये क्योकि जब आप श्री कष्टभंजन देव की आरती गाते है तो आपकी सभी मनोकामना पूर्ण होती है |
Shree Kashtbhanjan Dev Aarti करने से पूजा स्थल और घरों का वातावरण शुद्ध होता है और सकारात्क उर्जा पैदा होती है. इतना ही आरती गाते हुए भक्त की भक्ति भगवान तक पहुंचती है और उसकी सारी मनोकामनाएं पूरी होती है.
Shree Kashtbhanjan Dev Aarti Lyrics in Hindi
जय कपि बलवंता
जय जय कपि बलवंता
सुर नर मुनि जन वंदित
सुर नर मुनि जन वंदित
पदरज हनुमंता
जय जय कपि बलवंता
जय जय संकट मोचन जय जय हनुमंता
जय जय संकट मोचन जय जय हनुमंता
जय कपि बलवंता
जय जय कपि बलवंता
सुर नर मुनि जन वंदित
सुर नर मुनि जन वंदित
पदरज हनुमंता
जय जय कपि बलवंता
जय जय संकट मोचन जय जय हनुमंता
जय जय संकट मोचन जय जय हनुमंता
प्रौढ़ प्रताप पवनसुत त्रिभुवन जयकारी
त्रिभुवन जयकारी
असुर रिपु मद गंजन
असुर रिपु मद गंजन भय संकट हारी
जय जय कपि बळवंता
जय जय संकट मोचन जय जय हनुमंता
जय जय संकट मोचन जय जय हनुमंता
भूत पिशाच विकट ग्रह पीड़त नही जम्पे
पीड़त नही जम्पे
हनुमंत हाक सुनीने
हनुमंत हाक सुनीने थर थर थर कंपे
थर थर थर कंपे
जय जय कपि बळवंता
जय जय संकट मोचन जय जय हनुमंता
जय जय संकट मोचन जय जय हनुमंता
रघुवीर सहाय ओढंग्यो सागर आती भारी
सागर आती भारी
सीता सोध ले आए
सीता सोध ले आए कपि लंका जारी
जय जय कपि बळवंता
जय जय संकट मोचन जय जय हनुमंता
जय जय संकट मोचन जय जय हनुमंता
राम चरण रतिदायक शरणागत त्राता
शरणागत त्राता
प्रेमानंद कहे हनुमत
प्रेमानंद कहे हनुमंत वांछित फल दाता
जय जय कपि बलवंता
जय जय संकट मोचन जय जय हनुमंता
जय जय संकट मोचन जय जय हनुमंता
जय कपि बलवंता
जय जय कपि बलवंता
सुर नर मुनि जन वंदित
सुर नर मुनि जन वंदित
पदरज हनुमंता
जय जय कपि बलवंता
जय जय संकट मोचन जय जय हनुमंता
जय जय संकट मोचन जय जय हनुमंता
श्री कष्टभंजन देव की जय